एक महीने में ही जिला प्रशासन द्वारा किए दो सर्वे, दोनों रिपोर्टों में जमीन आसमान का अंतर -
अधिकारियों ने एकाएक पहुंच कर घरों के बाहर लगा दिए लाल निशान -
बीते मंगलवार को आवास विकास कालोनी के सैकड़ों रजिस्ट्री और दाखिल खारिज वाले घरों में भी प्रशासन के अधिकारियों ने एकाएक पहुंच कर घरों के बाहर लाल निशान लगा दिए। हद तो तब हुई जब कुछ वर्ष पूर्व नगर निगम द्वारा ही निर्माणित नाले को अब अधिकारी नाला मानने से गुरेज करने लगे और आजादी से पूर्व सन 1930 के नक्शे को आधार बनाकर आवास विकास द्वारा सन 1980 में आवंटित कॉलोनी के बीच से अब नए नाले का निर्माण करने की बात कहते दिखे। जिसको लेकर लोगों में खासा नाराजगी देखने को मिली।
दो बार इस नाले का सर्वे करवा दिया और दोनों ही सर्वे की रिपोर्टों में अंतर-
बीते चालीस साल से कॉलोनी में रह रहे हरीश सिंह ने कहा कि एक महीने के भीतर जिला प्रशासन ने ही दो बार इस नाले का सर्वे करवा दिया है और दोनों ही सर्वे की रिपोर्टों में जमीन-आसमान का अंतर है। वही स्थानीय निवासी कमला देवी ने कहा कि अगर उनके भवन की रजिस्ट्री और दाखिल खारिज गलत है तो तत्कालीन जिलाधिकारी की ही संस्तुति पर ये रजिस्ट्री और दाखिल खारिज आखिर हुई कैसे और आवास विकास परिषद ने यह सरकारी कॉलोनी काटकर लोगों को भवन आवंटित किए आखिर कैसे। उन्होंने मामले को एक गंभीर जांच का विषय बताया।
वैध कागजात होने के बावजूद जिला प्रशासन कर रहा उत्पीड़न-
सुरेंद्र कुमार ने कहा कि सभी वैध कागजात होने के बावजूद जिला प्रशासन सिर्फ उनका उत्पीड़न कर रहा है। जिलाधिकारी ने जब आपत्ति कैंप लगाकर अग्रिम कार्यवाही को 13 अगस्त तक का समय दिया था तो उससे पूर्व ही किसके इशारों पर अधिकारी एकाएक लोगों के रजिस्टर्ड घरों पर लाल निशान लगा आए। इस दौरान लोगों में खासा आक्रोश भी दिखा और स्थानीय लोगों ने मामले पर जल्द ही एकजुट हो विधिक लड़ाई लड़ने की बात कही।
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