मिली भगत का खामियांजा किसानों को भुगतना पड़ रहा-
पूर्व विधायक नारायण पाल ने कहा कि उधम सिंह नगर सहित कुछ जिलों में धान की खरीद समय-सीमा से नहीं शुरू हुई। राज्य में लक्ष्य की तुलना में खरीद-मात्रा बहुत कम हुई है, 2016-17 में 10,53,645 मैट्रिक टन धान की खरीद हुई थी, जबकि बाद के सालों में यह घटकर मात्र 52,431 मैट्रिक टन हो गई। गिरावट किसानों के लिए चिंता का विषय है।भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ और खरीद केन्द्रो में फर्जी पंजीकरण और नकली खरीदी की शिकायतें आ रही है,इससे किसानों का भरोसा कम हुआ है।
वहीं राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने कहा की किसानों को उनकी लागत निकालने में समस्या हो रही है क्योंकि उम्र-गार कंपनियों, मजदूरी, बीज, उर्वरक आदि की लागत बढ़ी हुई है और कीमतें व खरीदी व्यवस्था अपेक्षित नहीं रही।धान का समय पर विक्रय न हो पाने, या कम मात्रा में सरकारी खरीदी होने के कारण, उन्हें निजी बाजारों में कम दर पर बेचने पड़ सकते हैं। जोक अन्नदाता किसानों के हित में नहीं है और सरकार को जल्द ही इस मामले में तेजी दिखानी चाहिए ताकि किसानों को उनका हक मिल सके।









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